What is Computer | कंप्यूटर क्या है ? प्रकार, पीढ़ी, उपयोग, विशेषता |

दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कंप्यूटर के बारे में कि कंप्यूटर क्या होता है (what is computer)? कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं, और कंप्यूटर की कितनी पीढ़ियां है,। और कंप्यूटर को कितने भागों में बांटा गया है, कौन से कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं । और कुछ कंप्यूटर से रिलेटेड प्रश्न और उत्तर के बारे में जानेंगे तो चलिए विस्तार से जानते हैं ।। 

What is Computer | कंप्यूटर क्या है ? प्रकार, पीढ़ी, उपयोग, विशेषता |




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  •  What is Computer (कंप्यूटर क्या है) ?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। कंप्यूटर बिजली से चलने वाला एक उपकरण अथवा मशीन है। कंप्यूटर यूजर द्वारा दिए गए निर्देशों (Commands) का पालन करता है। कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "COMPUTE" शब्द से बना है । कंप्यूट शब्द का अर्थ है ।" गणना करना" । इसलिए कंप्यूटर को हिंदी में संगणक या गणना करने वाला यंत्र कहा जाता है। लेकिन वर्तमान समय में कंप्यूटर गणना करने तक सीमित नहीं है। इसके अलावा भी यह कई तरह के कार्य कर सकता है ।

इसे भी पढ़े - Network क्या है, पूरी जानकारी ?

                     Software क्या है, सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं ?

  • चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक क्यों कहा जाता है।?

चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का फादर पिता या जनक कहा जाता है। क्योंकि इन्होंने सन 1833 में एनालिटिक इंजन बनाया था,| जो वर्तमान समय के कंप्यूटर का आधार बना। शुरुआत के समय में कंप्यूटर बहुत बड़े होते थे। शुरू में जब कंप्यूटर बने थे तो इनकी साइज बहुत बड़ी होती थी। इनको रखने के लिए एक या दो कमरे की जरूरत पड़ती थी। और यह कंप्यूटर बहुत महंगे होते थे। इनको एक आम आदमी नहीं खरीद सकता था। इसका यूज बड़ी बड़ी कंपनी या बड़े बिजनेसमैन करते थे। 

  • What is Desktop Computer (डेस्कटॉप कंप्यूटर क्या हैं)?

शुरुआती समय पर कंप्यूटर बड़े थे। और धीरे-धीरे इसमें सुधार हुआ, माइक्रो प्रोसेसर का यूज करके कंप्यूटर को छोटा बनाया गया, वर्तमान समय में कंप्यूटर इतना छोटा हो गया कि कंप्यूटर को एक टेबल (डेस्क) के ऊपर (टॉप) पर रखकर चलाया जा सकता है। इसलिए इस कंप्यूटर को डेस्कटॉप कहा गया है।

  • Type of Computer (कम्प्यूटर के प्रकार)?

कम्प्यूटर के प्रकारों को विभिन्न आधारों में विभक्त किया गया है-

  1. एप्लीकेशन के आधार पर
  2. उद्देश्य के आधार पर उद्देश्य
  3. आकार एवं क्षमता के आधार

  • 1. एप्लीकेशन के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार ?

एप्लीकेशन के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते है ।

  1. Analog Computer
  2. Digital Computer
  3. Hybrid Computer

  • 1. Analog Computer

Analog Computer ये भौतिक मात्राओं को नापने का कार्य करते है | जैसे- दाब, तापमान, लम्बाई और ऊँचाई आदि को मापकर उनके परिमाप अंकों में व्यक्त करते है । इनका प्रयोग विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किया जाता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में परिमाप का अधिक प्रयोग होता है।

  • 2. Digital Computer

Digital Computer, Digit का अर्थ होता है अंक । अर्थात् Digital Computer वह E Computer होता है जो अंकों की गणना(count) करता है। डिजिटल कम्प्यूटर में दो अंक 0 और 1 होते है जिसे बाइनरी नंबर सिस्टम कहते है, इन्हीं के आधार पर यह कार्य करता है। इन दो अंको को बिट कहा जाता है । हम विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे- शिक्षा, बैंकिग, व्यापार, मनोरंजन इत्यादि में Digital Computer का इस्तेमाल करते है और आजकल ये काफी लोकप्रिय भी है ।

  • 3. Hybrid Computer

वे कम्प्यूटर जिनमें एनालॉग एवं डिजिटल कम्प्यूटर दोनों के गुण हो, Hybrid Computer कहलाते है । जैसे- किसी रोगी का रक्तचाप, धड़कन इत्यादि मापने के लिए हम हाईब्रिड कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर एनालॉग डाटा को पहले डिजिटल डाटा के रूप में बदलता है, और फिर परिणाम डिजिटल रूप में स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है ।

  • 2. उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार ?

उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर दो प्रकार के होते है ।

  1. General Purpose Computer
  2. Special Purpose Computer

  • 1. General Purpose Computer

इनसे सामान्य कार्य किये जाते है । इनका उपयोग दुकानों एवं घरों में किया जाता है। जैसे- किसी भी चीज का पत्र (Letter) तैयार करना, कोई भी दस्तावेज (Document) तैयार करना, और किसी भी दस्ताबेज (Document) को प्रिंट करना आदि के लिए किया जाता हैं|

  •  2. Special Purpose Computer

इन्हें विशेष कार्य के लिए तैयार किया जाता है । इनका उपयोग मौसम विज्ञान, कृषि विज्ञान, युद्ध एवं अंतरिक्ष आदि में किया जाता है ।

  • 3. आकार एवं क्षमता के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार ?

आकार एवं क्षमता के आधार पर कम्प्यूटर चार प्रकार के होते है ।

  1. Micro Computer
  2. Mini Computer
  3. Main Frame Computer
  4. Super Computer

  • 1. Micro Computer

इस कम्प्यूटर को Micro Computer दो कारणों से कहा जाता है ।  

  1. पहला इस कम्प्यूटर में Micro Processor का प्रयोग (use) किया जाता है । माइक्रो प्रोसेसर बहुत ही छोटा प्रोसेसर होता है, |
  2. यह कम्प्यूटर दूसरे कम्प्यूटर की अपेक्षा आकार में छोटा होता है कि इसे Study Table और Briefcase में रखा जा सकता है । इनकी कार्य प्रणाली तो लगभग बड़े कम्प्यूटर के समान होती है, परन्तु इनका आकार उनकी तुलना में कम होता है। इस कम्प्यूटर पर सामान्यतः एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है । माइक्रो कम्प्यूटर को PC भी कहा जाता है

  • Type of Pc (Pc के प्रकार)?

PC को निम्न भागों में बाँटा गया है-

  1. Desktop Computer
  2. Laptop Computer
  3. Palmtop Computer
  4. Notebook Computer
  5. Tablet Computer

  • 2. Mini Computer

मिनी कम्प्यूटर मध्य आकार के Multiprocessing और MultiUser कम्प्यूटर है। ये कम्प्यूटर Micro Computer से कुछ | अधिक गति व मेमोरी वाले होते है । इनमें एक से अधिक CPU हो सकते है । ये Micro Computer से महँगे होते है। यह वो कम्प्यूटर होते है जो बड़ी कम्पनीयों एवं सरकारी ऑफिस में सर्वर कम्प्यूटर के कार्य के लिए प्रयोग किये जाते है ।

  • पहला मिनी कंप्यूटर(Mini Computer) कौन सा था ?

VPDP-8 First Mini Computer था | VPDP-8 First Mini Computer का विकास सन 1965 में किया गया था । इसे DEC Company ने बनाया था । DEC का पूरा नाम Digital Equipment Corporation है ।

  • 3. Main Frame Computer

 ये Mini Computer से कुछ अधिक गति व क्षमता वाले कम्प्यूटर होते है । ये कम्प्यूटर आकार में बहुत बड़े होते है इनमें अत्यधिक मात्रा में Data पर तीव्रता से Process करने की क्षमता होती है । यह कम्प्यूटर बड़ी-बड़ी कम्पनियों एवं सरकारी ऑफिस में सर्वर कम्प्यूटर के कार्य के लिये प्रयोग में लिये जाते है । इन Computers में माइक्रोकम्प्यूटर का प्रयोग Client के तौर पर किया जाता है । एक मेनफ्रेम कम्प्यूटर अपने साथ एक हजार से भी अधिक दूरस्थ वर्कस्टेशन को जोड़ सकता है । इसकी गति MIPS (MIPS-Million Instrucations Per Secon) में मापी जाती है । उदहारण -  मैनफ्रेम कम्प्यूटर के उदाहरण निम्न है- IBM 4381,  ICL 39,  CDC Cyber etc. ||

  • 4. Super Computer

सुपर कम्प्यूटर विशेष प्रकार के कम्प्यूटर होते है । इनका निर्माण विशेष कार्य के लिए किया जाता है । यह दुनिया के सबसे तेज और बड़े कम्प्यूटर होते है। एक सुपर कम्प्यूटर में एक से अधिक CPU होते है जो समानांतर कार्य करते है, इनकी गति फ्लॉप Flops (Flops-Floating Points Instrucations Per Second) में मापी जाती है। अत्याधुनिक सुपर कम्प्यूटर की गति एक Tera Flops हो सकती है । ये कम्प्यूटर सबसे मंहगें होते है । 

  • सुपर कम्प्यूटर के कार्य ?

  1. अंतरिक्ष यात्रा के लिये
  2. मौसम विज्ञान की जानकारी के लिये
  3. युद्ध के लिये
अब हम बात करने बाले हैं, कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer)  के बारे में और कितने प्रकार की होती हैं, |

  • कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer)

कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ पाच प्रकार की हैं, |
कुछ समय पहले तक पीढ़ियों का अर्थ Computer की Hardware तकनीक में बदलाव से लिया जाता था परंतु वर्तमान में पीढ़ियों का अर्थ Hardware तथा Software दोनों की तकनीक में बदलाव से लगाया जाता है ।

  • प्रथम पीढ़ी (1942 – 1956) 

पहली पीढ़ी (First Generation) के कम्प्यूटर में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक घटक (Electronic Component) के रूप में
वैक्यूम ट्यूबों (Vacuum Tube) इस Computer का वजन लगभग 30 टन था जिसका आकार (Size) एक 50x30
के कमरे जितना था । इस Computer को जोड़ करने में 200 Micro Seconds तथा गुणा करने में 2000 Micro Seconds लगते थे । इसे संचालित करने के लिए 1,50,000 वाट बिजली की आवश्यकता होती थी । इस पीढ़ी के Computer को Alternating Current (AC) की आवश्यकता होती थी । ये कम्प्यूटर बहुत महंगे थे, इनमें गर्मी का उत्सर्जन बहुत अधिक होता था, जिसकी वजह से इन्हें ठंडा करना बहुत जरूरी था व साथ ही इनका रखरखाव भी बहुत कठिन था । पहली पीढ़ी के Computer को ऑपरेट (Operate) करने के लिए मशीन भाषा (Machine language) का इस्तेमाल इसकी प्रोग्रामिंग भाषा (Programming language) के रूप में किया जाता था । पहली पीढ़ी के Computer में Punch Card, Paper Tape और Magnetic tape को Input और Output Devices की तरह इस्तेमाल किया जाता था | पहली पीढ़ी के Computer एक समय में एक ही समस्या को हल करने में सक्षम थे ।
जिसे Single task single user भी कहते है ।

  • प्रथम पीढ़ी में कई कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम है-

1. ENIAC
2. VEDVAC
3. EDSAC
4. UNIVAC-I
5. IBM-701

  • 1. ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) :-

सर्वप्रथम सम्पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर ENIAC का अविष्कार किया गया जिसे अमेरिका की पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के जॉन मचली तथा जे. प्रेस्पर एकर्ट ने बनाया।  इसे यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी के लिए बनाया गया था, जो उनकी Artillery ( तोपखाने) की फायरिंग टेबल को कैलकुलेट करता था ।

  • 2. EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer)

इसे सन 1945 में EDVAC के सलाहकार हंगरी के जॉन वॉन न्यूमेन की संग्रहित अनुदेश संकल्पना (Stored Program Concept) के आधार पर बनाया गया  इससे पूर्व कम्प्यूटरों में प्रोग्राम एवं डाटा संग्रह (Stored) करना बहुत मुश्किल कार्य था।

  • 3. EDSAC (Electronic Dealy Storage Automatic Computer)

EDSAC नामक कम्प्यूटर का निर्माण कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मई 1949 में किया गया ।

  • 4. UNIVAC-I  ( Universal Automatic Computer)

UNIVAC - I आकार में बहुत बड़े होते थे तथा इनकी गणना Milli Seconds में की जाती थी ।

  • प्रथम पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं ?

1. Vacuum Tube Technology का इस्तेमाल हुआ था । 
2. बहुत कम विश्वसनीय, Output हमेशा गलत आया करता था यह Computer बहुत मंहगे थे ।
3. ये बहुत जल्दी गरम हो जाते थे ।
4. Processing काफी धीमी (Slow) थी ।
5. इनका साइज (Size) काफी बड़ा था ।
6. इस Machine को ठंडा रखने के लिए AC का इस्तेमाल किया जाता था।
7. Portable नहीं थे, किसी भी एक स्थान से दूसरे स्थान पे बदलना मुश्किल हुआ करता था ।

  • द्वितीय पीढ़ी(1956–1965)

द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) के कम्प्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक घटक (Electronic Component) के रूप में ट्रांजिस्टर (Transistor) का इस्तेमाल किया गया था । ट्रांजिस्टर एक सॉलिड स्टेट युक्ति (Solid State Device) है, जो अर्द्धचालक धातु (Semiconductor Metal) से बनी होती है। यहाॅ ट्रांजिस्टर का वही कार्य है, जो प्रथम पीढ़ी के कम्प्यदूरों में वैक्यूम ट्यूब का था ।
Transistor का आकार Vacuum Tube की तुलना में बहुत छोटा था और इनमें विद्युत की खपत भी बहुत कम होती थी। प्रथम पीढ़ी की तुलना में, ये अधिक विश्वसनीय (Reliable) व अधिक तीव्र (Fast ) गति से कार्य करने में सक्षम थे ।
Magnetic Tape और Magnetic Disk को Secondary Memory के लिए उपयोग किया गया था ।
इस पीढ़ी में AssemblyMachine Language को और अधिक आसान व ताकतवर बना दिया गया । इसी दौर में Programming Language का भी अविष्कार हुआ था । जिनमें मुख्य रूप से कोबोल ( COBOL) और फोरट्रान (FORTRAN) नामक उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाएँ (High Level Language) इसी पीढ़ी में शुरू कि गई थी ।

  • द्वितीय पीढ़ी में कई कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम है -

1. VIBM 7030
2. Honeywell 400
3. CDC 1604

  • द्वितीय पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं

1. इनमें Transistor का उपयोग किया गया था ।
2. ये First Generation के Computer से ज्यादा Accurate थे।
 3. इनकी Size पहले Generation से छोटी हो गई थी ।
4. First Generation Computer के मुताबिक इनका तापमान कम होता था ।
5. Electricity की बात करें तो कम से कम इस्तेमाल होती थी ।
6. Processing काफी तेज हुआ करती थी ।
7. इस दौर में भी ये बहुत महंगे हुआ करते थे ।
8. AC की जरूरत अभी भी थी, गरम होने के कारण ।
9. COBOL एंव FORTRAN जैसी उच्चस्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास ।
10. संग्रहण डिवाइस (Storage Device), प्रिंटर एवं ऑपरेटिंग सिस्टम आदि का प्रयोग ।

  • तृतीय पीढ़ी (1965-1975)

तीसरी पीढ़ी (Third Generation) के कम्प्यूटर में ट्रांजिस्टर (Transistor) के स्थान पर इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) का इस्तेमाल किया गया था । इस पीढ़ी में सन 1958 में Jack KilbyRobert Noyce ने प्रथम बार Transister के स्थान पर Integrated Circuit (IC) प्रयोग किया जो Transister, Registers तथा | Capacitors का समूह था। जिसके कारण कम्प्यूटर के आकार को और अधिक छोटा बनाया जा सका ।
I.C. चिप सिलिकॉन की बनी होती है । IC में पहले 10-20 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आते थे तथा इस तकनीक को SSI (Small Scale Integration) कहा गया। 
समय के साथ धीरे-धीरे IC में लगभग 100 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को शामिल कर दिया गया और | इसे Medium MSI(Scale Integration) नाम दिया गया।
ततृीय पीढ़ी में अधिक Storage वाली Magnetic TapesMagnetic Disks का प्रयोग किया गया ।
इसी पीढ़ी में MICR, PlottersScanners का आविष्कार किया गया । इसी पीढ़ी में समय साझा (Time Sharing) और बहु प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi programming Operating System) की अवधारणा को पेश किया गया था। कई नई उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं की शुरूआत इस पीढ़ी में हुई 
जैसे - पास्कल (PASCAL), बेसिक (BASIC), फोरट्रान (FORTRAN) –II, III, IV

  • तृतीय पीढ़ी में कई कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम है-

1. VIBM-360
2. VIBM-370
3. CDC-6600
4. PDP-8
5. IBM-370
6. PDP-11

  • तृतीय पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं

1. इनमें Integrated Circuit का इस्तेमाल हुआ था ।
2 ये ज्यादा Accurate और विश्वसनीय थे ।
3. Size में छोटे थे पहले दोनों पीढ़ीयों से ।
4. कम तापमान उत्पन्न करते थे इस पीढ़ी के कम्प्यूटर ।
5. Faster हुआ करते थे ।
6. कम रख-रखाव की आवश्यकता थी ।
7. इस पीढ़ी के कम्प्यूटर भी महंगे होते थे ।
8. AC की आवश्यकता इस Generation में भी थी गरम होने से रोकने के लिए ।
9. Electricity की खपत कम होती थी ।
10. High Level Language का उपयोग हुआ था ।

  • चतुर्थ पीढ़ी (1975 – 1989)

चतुर्थ पीढ़ी में माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) की शुरूआत हुई, जिनमें हजारों आईसी एक एकल चिप पर निर्मित की जा सकती थी । लगभग 5000 Transister को एक साथ जोड़कर LSI (Large Scale Integration) का निर्माण किया गया, और समय के साथ इसी LSI का विस्तार VLSI (Very Large Scale Integration)  के रूप में कर दिया गया । इन परिपथों में एक इंच के चौथाई भाग में लाखों ट्रांजिस्टर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक घटक समाए होते है, | अतः इन परिपथों को माइक्रोचिप कहा जाने लगा ।
पहला माइक्रोचिप सन 1971 में इन्टेल कॉरपोरेशन ने Intel- 4004 तैयार किया। इस छोटे से चिप को माइक्रोप्रोसेसर कहा जाने लगा । माइक्रोप्रोसेसर युक्त कम्प्यूटर को ही माइक्रो कम्प्यूटर कहा जाता है । इस पीढ़ी के Computer में Storage Device को Computer में ही समाहित कर दिया गया जिससे Computer का आकार बहुत ही कम हो गया और इसी कारण Personal Computer घर-घर तक पहुँच पाये । इस पीढ़ी में, समय के बंटवारे (Time Sharing) की अवधारणा, वास्तविक समय प्रसंस्करण (Real Time Networks). डिस्टिब्यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System) का इस्तेमाल किया गया था । इस पीढ़ी में, नयी उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं (High Level Language) के रूप में C, C++, DBASE (डेटाबेस) का इस्तेमाल किया गया । CRAY Super Computer का जन्म भी इसी पीढ़ी में हुआ जो एक सैकण्ड में लगभग 1 अरब (One Billion) गणनाएँ कर सकता था ।

  • चतुर्थ पीढ़ी में कई कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम है ?

1. CRAY-I
2. CRAY-II
3. APPLE-II
4. VAX-9000

  • चतुर्थ पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं

1. Very Large Scale Integration (VLSI) तकनीक का उपयोग हुआ था। 
2. इस पीढ़ी के कम्प्यूटर सस्ते हो चुके थे ।
3. Portable और Reliable होने के कारण इनकी Demand Market में ज्यादा हुआ करती थी ।
4. Personal Computer का दौर आया ।
5. इनके आकार पहली, दूसरी व तीसरी Generation के Computer से छोटे थे ।

  • पंचम पीढ़ी (1989 से अब तक)

पांचवीं पीढ़ी के रूप में, एक नई तकनीक उभर कर आई जिसे Ultra Large Scale Integration(ULSI) कहा जाता है। जिसके अंतर्गत माइकोप्रोसेसर चिप में 10 लाख तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को शामिल किया जा सकता था। इस पीढ़ी में कृत्रिम बृद्धि (Artificial Intelligence) की अवधारणा, वोइस रिकग्निशन, मोबाईल संचार, सेटेलाइट संचार, सिग्नल डाटा प्रोसोसिंग को आरम्भ किया गया । उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं में JAVA, VB और .NET की शुरूआत इस पीढ़ी में हुई । आज के कम्प्यूटर इतने उन्नत है कि वे हर विशिष्ट क्षेत्र, मूल रूप से अकाउन्टिंग, इंजिनियरिंग, भवन-निर्माण, अंतरिक्ष तथा दूसरे प्रकार के शोध कार्य में उपयोग किये जा रहे है । इस पीढ़ी में प्रतिदिन कम्प्यूटर के आकार को घटाने का प्रयास किया जा रहा है जिसके फलस्वरूप हम घड़ी के आकार में भी कम्प्यूटर को देख सकते है ।
इंटरनेट की सहायता से हम दस्तावेज, सूचना तथा पैसे का आदान-प्रदान कर सकते है ।

  • पाँचवीं पीढ़ी में कई कम्प्यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम है?

1. VIBM
2. Note book
3. PARAM
4. Pentium

  • पांचवीं पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं 

  • 1. कम्प्यूटरों का विभिन्न आकार में उपलब्ध होना 
जैसे- डेस्क टॉप (Desktop), लैपटॉप (Laptop). पाम टॉप (Palmtop) आदि ।
  • 2. इण्टरनेट (Internet)
यह कम्प्यूटर का एक अंतर्राष्ट्रीय संजाल हैं। जिसमें दुनिया भर के कम्प्यूटर नेटवर्क इण्टरनेट से जुड़े होते हैं। इस तरह हम कहीं से भी, घर बैठे अपने स्वास्थ्य, चिकित्सा, विज्ञान कला एवं संस्कृति आदि लगभग सभी विषयों पर विविध सामग्री इण्टरनेट पर प्राप्त कर सकते हैं।
  • 3. मल्टीमीडिया (Multimedia)
ध्वनि (Sound), दृश्य (Graphics) या चित्र और पाठ (Text), के सम्मिलित रूप से मल्टीमीडिया का इस पीढ़ी में विकास हुआ हैं।
  • 4. नये अनुप्रयोग (New Applications)
कम्प्यूटर की तकनीक अतिविकसित होने के कारण इसके अनुप्रयोगों का उपयोग फिल्म निर्माण, यातायात नियन्त्रण, उद्योग, व्यापार एवं शोध आदि के क्षेत्र में हुआ है।

  • कंप्यूटर से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर ?

प्रश्नन 1. कंप्यूटर का जनक कौन है?

उत्तर 1. कंप्यूटर का चार्ल्स बैबेज हैं, |

प्रश्नन 2. कंप्यूटर की खोज किसने की थी और कब?

उत्तर 2. कंप्यूटर की खोज चार्ल्स बैबेज ने सन 1837 में की थी |

प्रश्नन 3. भारत में कंप्यूटर के जनक कौन है?

उत्तर 3. भारत में कंप्यूटर के जनक विजय भाटकर को कहा जाता है |

प्रश्नन 4. कंप्यूटर की कितनी पीढ़ियां हैं?

उत्तर 4. कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ पाच प्रकार की हैं

प्रश्नन 5. कंप्यूटर के 5 मूल कार्य कौन कौन से हैं?

उत्तर 5. कंप्यूटर के 5 मूल कार्य इनपुट, प्रोसेस, आउटपुट, स्टोरेज और कंट्रोल है. |

प्रश्नन 6.  कंप्यूटर के पार्ट्स कितने होते हैं?

उत्तर 6. कंप्यूटर के पार्ट्स को पाच भागो में बाटा गया है,|

प्रश्नन 7. कंप्यूटर का मुख्य अंग क्या है? 

उत्तर 7. कंप्यूटर का मुख्य अंग हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर  है |

प्रश्नन 8. सबसे पहले कंप्यूटर का नाम क्या है?

उत्तर 8.सबसे पहले कंप्यूटर का नाम एनिऐक (ENIAC) है |

प्रश्नन 9. विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम क्या है?

उत्तर 9. विश्व का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम इल्लीआक 4 है |

प्रश्नन 10.  देश का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?

उत्तर 10. देश का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 है,|

  • Conclusion
तो दोस्तों आशा करते हैं, कि हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको कुछ लाभदायक रही होगी। हमने इस पोस्ट के माध्यम से जाना कि What is Computer | कंप्यूटर क्या है ? प्रकार, पीढ़ी, उपयोग, विशेषता | ? और कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं,। कंप्यूटर की क्या पीढ़ियां हैं । और कंप्यूटर से रिलेटेड कुछ प्रश्न और उत्तर जाने हैं । अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न हो तो कृपया कमेंट करके जरूर बताएं ।। 


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